Surah shura Ayat 12 Tafseer in Hindi
﴿لَهُ مَقَالِيدُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۖ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَن يَشَاءُ وَيَقْدِرُ ۚ إِنَّهُ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيمٌ﴾
[ الشورى: 12]
सारे आसमान व ज़मीन की कुन्जियाँ उसके पास हैं जिसके लिए चाहता है रोज़ी को फराख़ कर देता है (जिसके लिए) चाहता है तंग कर देता है बेशक वह हर चीज़ से ख़ूब वाक़िफ़ है
Surah Ash_shuraa Hindi10. आयत संख्या 9 से 12 तक जिन तथ्यों की चर्चा है उनमें एकेश्वरवाद तथा परलोक के प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं। और सत्य से विमुख होने वालों को चेतावनी दी गई है।
Surah shura Verse 12 translate in arabic
له مقاليد السموات والأرض يبسط الرزق لمن يشاء ويقدر إنه بكل شيء عليم
سورة: الشورى - آية: ( 12 ) - جزء: ( 25 ) - صفحة: ( 484 )Surah shura Ayat 12 meaning in Hindi
आकाशों और धरती की कुंजियाँ उसी के पास हैं। वह जिसके लिए चाहता है रोज़ी कुशादा कर देता है और जिसके लिए चाहता है नपी-तुली कर देता है। निस्संदेह उसे हर चीज़ का ज्ञान है
Quran Urdu translation
آسمانوں اور زمین کی کنجیاں اسی کے ہاتھ میں ہیں۔ وہ جس کے لئے چاہتا ہے رزق فراخ کردیتا ہے (اور جس کے لئے چاہتا ہے) تنگ کردیتا ہے۔ بےشک وہ ہر چیز سے واقف ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(42:12) His are the keys of the heavens and the earth. He enlarges and straitens the sustenance of whomsoever He pleases. Surely He has knowledge of everything. *19
To Him belong the keys of the heavens and the earth. He meaning
*19) These are the arguments to prove why Allah alone is the true Guardian and why putting trust in Him alone is right and correct and why He alone should be turned to in all matters. (For explanation, see An-Naml: 60-66, Ar-Rum: 20-22 and the E.N.'s).
phonetic Transliteration
Lahu maqaleedu alssamawati waalardi yabsutu alrrizqa liman yashao wayaqdiru innahu bikulli shayin AAaleemun
English - Sahih International
To Him belong the keys of the heavens and the earth. He extends provision for whom He wills and restricts [it]. Indeed He is, of all things, Knowing.
Quran Bangla tarjuma
আকাশ ও পৃথিবীর চাবি তাঁর কাছে। তিনি যার জন্যে ইচ্ছা রিযিক বৃদ্ধি করেন এবং পরিমিত করেন। তিনি সর্ব বিষয়ে জ্ঞানী।
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Ayats from Quran in Hindi
- और ख़ुदा को छोड़कर ऐसी चीज़ की परसतिश करते हैं जो आसमानों और ज़मीन में
- रात की क़सम जब (सूरज को) छिपा ले
- क्या तुम्हारे पास इबराहीम के मुअज़िज़ मेहमानो (फ़रिश्तों) की भी ख़बर पहुँची है कि जब
- फिर जब मूसा आग के पास आए तो उन्हें आवाज आई
- (मुसलमानों) अहले किताब में से अक्सर लोग अपने दिली हसद की वजह से ये ख्वाहिश
- उन लोगों ने अपनी क़समों को सिपर बना लिया है और (लोगों को) ख़ुदा की
- यहाँ तक कि जब हमारा हुक्म (अज़ाब) आ पहुँचा और तन्नूर से जोश मारने लगा
- (ये वह वक्त था) जब ख़ुदा ने तुम्हें ख्वाब में कुफ्फ़ार को कम करके दिखलाया
- क्या वह (आदमी) उसको नहीं याद करता कि उसको इससे पहले जब वह कुछ भी
- और (ऐ रसूल) तुम्हारा परवरदिगार फसादियों को खूब जानता है और अगर वह तुम्हे झुठलाए
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