Surah Inshiqaq Ayat 17 Tafseer in Hindi
﴿وَاللَّيْلِ وَمَا وَسَقَ﴾
[ الانشقاق: 17]
और रात की और उन चीज़ों की जिन्हें ये ढाँक लेती है
Surah Al-Inshiqaq Hindi
Surah Inshiqaq Verse 17 translate in arabic
Surah Inshiqaq Ayat 17 meaning in Hindi
और रात की और उसके समेट लेने की,
Quran Urdu translation
اور رات کی اور جن چیزوں کو وہ اکٹھا کر لیتی ہے ان کی
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(84:17) and by the night and what it enfolds,
And [by] the night and what it envelops meaning
Ayats from Quran in Hindi
- तो मुझे उन सितारों की क़सम जो चलते चलते पीछे हट जाते
- उन्होंने कहा आप मुत्तालिक़ ख़ौफ न कीजिए (क्योंकि) हम तो आप को एक (दाना व
- बेशक जिस चीज़ का तुमसे वायदा किया जाता है वह ज़रूर (एक न एक दिन)
- (और इनमें दोनों बातें पायी जाती हैं तब) शुएब ने कहा मै चाहता हूँ कि
- उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से एक ये भी है कि वह हवाओं को
- (ऐ रसूल लोगों से) कह दो कि मेरे पास 'वही' आयी है कि जिनों की
- और अगर हम चाहें तो उनकी ऑंखों पर झाडू फेर दें तो ये लोग राह
- हमने उनको ख़ूब सत्यानास कर छोड़ा और ये लोग (कुफ्फ़ारे मक्का) उस बस्ती पर (हो)
- (ये वह वक्त था) जब तुम अपने परवदिगार से फरियाद कर रहे थे उसने तुम्हारी
- और हमारा हुक्म तो बस ऑंख के झपकने की तरह एक बात होती है
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