Surah Yasin Ayat 46 Tafseer in Hindi
﴿وَمَا تَأْتِيهِم مِّنْ آيَةٍ مِّنْ آيَاتِ رَبِّهِمْ إِلَّا كَانُوا عَنْهَا مُعْرِضِينَ﴾
[ يس: 46]
(तो परवाह नहीं करते) और उनकी हालत ये है कि जब उनके परवरदिगार की निशानियों में से कोई निशानी उनके पास आयी तो ये लोग मुँह मोड़े बग़ैर कभी नहीं रहे
Surah Ya-Sin Hindi
Surah Yasin Verse 46 translate in arabic
وما تأتيهم من آية من آيات ربهم إلا كانوا عنها معرضين
سورة: يس - آية: ( 46 ) - جزء: ( 23 ) - صفحة: ( 443 )Surah Yasin Ayat 46 meaning in Hindi
उनके पास उनके रब की आयतों में से जो आयत भी आती है, वे उससे कतराते ही है
Quran Urdu translation
اور ان کے پاس ان کے پروردگار کی کوئی نشانی نہیں آتی مگر اس سے منہ پھیر لیتے ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(36:46) Never does any Sign of their Lord come to them, but they turn away from it. *42
And no sign comes to them from the signs of their Lord meaning
*42) "Revelations" : Verses of the Divine Book by which man is admonished, and the Signs which are found in the universe and in man's own self and in his history which serve as object lessons for man, provided he is inclined to learn any lesson.
phonetic Transliteration
Wama tateehim min ayatin min ayati rabbihim illa kanoo AAanha muAArideena
English - Sahih International
And no sign comes to them from the signs of their Lord except that they are from it turning away.
Quran Bangla tarjuma
যখনই তাদের পালনকর্তার নির্দেশাবলীর মধ্যে থেকে কোন নির্দেশ তাদের কাছে আসে, তখনই তারা তা থেকে মুখে ফিরিয়ে নেয়।
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