Surah Anfal Ayat 5 Tafseer in Hindi
﴿كَمَا أَخْرَجَكَ رَبُّكَ مِن بَيْتِكَ بِالْحَقِّ وَإِنَّ فَرِيقًا مِّنَ الْمُؤْمِنِينَ لَكَارِهُونَ﴾
[ الأنفال: 5]
जिस तरह तुम्हारे परवरदिगार ने तुम्हें बिल्कुल ठीक (मसलहत से) तुम्हारे घर से (जंग बदर) में निकाला था और मोमिनीन का एक गिरोह (उससे) नाखुश था
Surah Al-Anfal Hindi2. अर्थात यह युद्ध के माल का विषय भी उसी प्रकार है कि अल्लाह ने उसे अपने और अपने रसूल का भाग बना दिया, जिस प्रकार अपने आदेश से आपको यूद्ध के लिये निकाला।
Surah Anfal Verse 5 translate in arabic
كما أخرجك ربك من بيتك بالحق وإن فريقا من المؤمنين لكارهون
سورة: الأنفال - آية: ( 5 ) - جزء: ( 9 ) - صفحة: ( 177 )Surah Anfal Ayat 5 meaning in Hindi
(यह बिल्कुल वैसी ही परिस्थित है) जैसे तुम्हारे ने तुम्हें तुम्हारे घर से एक उद्देश्य के साथ निकाला, किन्तु ईमानवालों में से एक गिरोह को यह अप्रिय लगा था
Quran Urdu translation
(ان لوگوں کو اپنے گھروں سے اسی طرح نکلنا چاہیئے تھا) جس طرح تمہارے پروردگار نے تم کو تدبیر کے ساتھ اپنے گھر سے نکالا اور (اس وقت) مومنوں ایک جماعت ناخوش تھی
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(8:5) (Now with regard to the spoils the same situation exists as when) your Lord brought you forth from your home in a righteous cause while a party among the believers were much averse to it.
[It is] just as when your Lord brought you out of your meaning
phonetic Transliteration
Kama akhrajaka rabbuka min baytika bialhaqqi wainna fareeqan mina almumineena lakarihoona
English - Sahih International
[It is] just as when your Lord brought you out of your home [for the battle of Badr] in truth, while indeed, a party among the believers were unwilling,
Quran Bangla tarjuma
যেমন করে তোমাকে তোমার পরওয়ারদেগার ঘর থেকে বের করেছেন ন্যায় ও সৎকাজের জন্য, অথচ ঈমানদারদের একটি দল (তাতে) সম্মত ছিল না।
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Ayats from Quran in Hindi
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