Surah Shams Ayat 6 Tafseer in Hindi
﴿وَالْأَرْضِ وَمَا طَحَاهَا﴾
[ الشمس: 6]
और ज़मीन की जिसने उसे बिछाया
Surah Ash-Shams Hindi1. (1-6) इन आयतों का भावार्थ यह है कि जिस प्रकार सूर्य के विपरीत चाँद, तथा दिन के विपरीत रात है, इसी प्रकार पुण्य और पाप तथा इस संसार का प्रति एक दूसरा संसार परलोक भी है। और इन्हीं स्वभाविक लक्ष्यों से परलोक का विश्वास होता है।
Surah Shams Verse 6 translate in arabic
Surah Shams Ayat 6 meaning in Hindi
और धरती और जैसा कुछ उसे बिछाया
Quran Urdu translation
اور زمین کی اور اس کی جس نے اسے پھیلایا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(91:6) and by the earth and by Him Who stretched it out;
And [by] the earth and He who spread it meaning
Ayats from Quran in Hindi
- और बाज़ लोग ऐसे भी हैं जो (ज़बान से तो) कहते हैं कि हम खुदा
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ ख़ुदा (ऐ) सारे आसमान और ज़मीन पैदा करने
- बस तो आप कुछ रात रहे अपने लड़के बालों को लेकर निकल जाइए और आप
- और सजदा
- तो क्या हम या हमारे अगले बाप दादा फिर दोबारा क़ब्रों से उठा खड़े किए
- कि गर कहीं ये लोग पनाह की जगह (क़िले) या (छिपने के लिए) ग़ार या
- क्या हमने तुमको ज़लील पानी (मनी) से पैदा नहीं किया
- फिर (जब बरदाश्त न हो सका तो) उसके मुन्किर हो गए ख़ुदा ने न तो
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं तुम्हें ख़ुदा के नज़दीक सज़ा में इससे कहीं
- और मुझे तो ये हुक्म दिया गया है कि मैं सबसे पहल मुसलमान हूँ
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