Surah Muhammad Ayat 35 Tafseer in Hindi
﴿فَلَا تَهِنُوا وَتَدْعُوا إِلَى السَّلْمِ وَأَنتُمُ الْأَعْلَوْنَ وَاللَّهُ مَعَكُمْ وَلَن يَتِرَكُمْ أَعْمَالَكُمْ﴾
[ محمد: 35]
और (दुशमनों को)े सुलह की दावत न दो तुम ग़ालिब हो ही और ख़ुदा तो तुम्हारे साथ है और हरगिज़ तुम्हारे आमाल (के सवाब को कम न करेगा)
Surah Muhammad Hindi13. आयत का अर्थ यह नहीं कि इस्लाम संधि का विरोधी है। इसका अर्थ यह है कि ऐसी दशा में शत्रु से संधि न करो कि वह तुम्हें निर्बल समझने लगे। बल्कि अपनी शक्ति का लोहा मनवाने के पश्चात संधि करो। ताकि वह तुम्हें निर्बल समझ कर जैसे चाहें संधि के लिये बाध्य न कर लें।
Surah Muhammad Verse 35 translate in arabic
فلا تهنوا وتدعوا إلى السلم وأنتم الأعلون والله معكم ولن يتركم أعمالكم
سورة: محمد - آية: ( 35 ) - جزء: ( 26 ) - صفحة: ( 510 )Surah Muhammad Ayat 35 meaning in Hindi
अतः ऐसा न हो कि तुम हिम्मत हार जाओ और सुलह का निमंत्रण देने लगो, जबकि तुम ही प्रभावी हो। अल्लाह तुम्हारे साथ है और वह तुम्हारे कर्मों (के फल) में तुम्हें कदापि हानि न पहुँचाएगा
Quran Urdu translation
تو تم ہمت نہ ہارو اور (دشمنوں کو) صلح کی طرف نہ بلاؤ۔ اور تم تو غالب ہو۔ اور خدا تمہارے ساتھ ہے وہ ہرگز تمہارے اعمال کو کم (اور گم) نہیں کرے گا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(47:35) So, be not faint-hearted and do not cry for peace. *41 You shall prevail. Allah is with you and will not bring your works to nought.
So do not weaken and call for peace while you are superior; meaning
*41) Here, one should bear in mind the fact that when this discourse was revealed only a handful of the Muslims consisting of a couple of hundreds of the Muhajirin and Ansar living in the small town of Madinah were upholding the standard of Islam and they were not only faced by the powerful Quraish but also by the whole of pagan Arabia. Such were the conditions when they were exhorted 'not to be faint-hearted and not to beg (the enemy) for peace", but to make preparations for the decisive conflict. This does not mean that the Muslims should never negotiate for peace, but it means that in a state like this it is not right to initiate peace negotiations when it shows the Muslims' weakness, for it will still further embolden the enemy. The Muslims should first establish their superiority in power and strength; then if they negotiate peace there will be no harm.
phonetic Transliteration
Fala tahinoo watadAAoo ila alssalmi waantumu alaAAlawna waAllahu maAAakum walan yatirakum aAAmalakum
English - Sahih International
So do not weaken and call for peace while you are superior; and Allah is with you and will never deprive you of [the reward of] your deeds.
Quran Bangla tarjuma
অতএব, তোমরা হীনবল হয়ো না এবং সন্ধির আহবান জানিও না, তোমরাই হবে প্রবল। আল্লাহই তোমাদের সাথে আছেন। তিনি কখনও তোমাদের কর্ম হ্রাস করবেন না।
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