Surah Maidah Ayat 102 Tafseer in Hindi
﴿قَدْ سَأَلَهَا قَوْمٌ مِّن قَبْلِكُمْ ثُمَّ أَصْبَحُوا بِهَا كَافِرِينَ﴾
[ المائدة: 102]
तुमसे पहले भी लोगों ने इस किस्म की बातें (अपने वक्त क़े पैग़म्बरों से) पूछी थीं
Surah Al-Maidah Hindi69. अर्थात अपने रसूलों से। आयत का भावार्थ यह है कि धर्म के विषय में कुरेद न करो। जो करना है, अल्लाह ने बता दिया है, और जो नहीं बताया है उसे क्षमा कर दिया है, अतः अपने मन से प्रश्न न करो, अन्यथा धर्म में सुविधा की जगह असुविधा पैदा होगी, और प्रतिबंध अधिक हो जाएँगे, तो फिर तुम उनका पालन न कर सकोगे।
Surah Maidah Verse 102 translate in arabic
قد سألها قوم من قبلكم ثم أصبحوا بها كافرين
سورة: المائدة - آية: ( 102 ) - جزء: ( 7 ) - صفحة: ( 124 )Surah Maidah Ayat 102 meaning in Hindi
तुमसे पहले कुछ लोग इस तरह के प्रश्न कर चुके हैं, फिर वे उसके कारण इनकार करनेवाले हो गए
Quran Urdu translation
اس طرح کی باتیں تم سے پہلے لوگوں نے بھی پوچھی تھیں (مگر جب بتائی گئیں تو) پھر ان سے منکر ہو گئے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(5:102) Indeed some people before you had asked such questions and in consequence fell into unbelief. *117
A people asked such [questions] before you; then they became thereby disbelievers. meaning
*117). Some people first indulged in hair-splitting arguments about their laws and dogma, and thereby wove a great web of credal elaborations and legal minutiae. Then they became enmeshed in this same web and thus became guilty of dogmatic errors and the violation of their own religious laws. The people referred to here are the Jews, and the Muslims who followed in their footsteps and left no stone unturned, despite the warnings contained in the Qur'an and in the sayings of the Prophet Muhammad (peace be on him).
phonetic Transliteration
Qad saalaha qawmun min qablikum thumma asbahoo biha kafireena
English - Sahih International
A people asked such [questions] before you; then they became thereby disbelievers.
Quran Bangla tarjuma
এরূপ কথা বার্তা তোমাদের পুর্বে এক সম্প্রদায় জিজ্ঞেস করেছিল। এর পর তারা এসব বিষয়ে অবিশ্বাসী হয়ে গেল।
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