Surah Araf Ayat 4 Tafseer in Hindi
﴿وَكَم مِّن قَرْيَةٍ أَهْلَكْنَاهَا فَجَاءَهَا بَأْسُنَا بَيَاتًا أَوْ هُمْ قَائِلُونَ﴾
[ الأعراف: 4]
तुम लोग बहुत ही कम नसीहत क़ुबूल करते हो और क्या (तुम्हें) ख़बर नहीं कि ऐसी बहुत सी बस्तियाँ हैं जिन्हें हमने हलाक कर डाला तो हमारा अज़ाब (ऐसे वक्त) आ पहुचा
Surah Al-Araf Hindi
Surah Araf Verse 4 translate in arabic
وكم من قرية أهلكناها فجاءها بأسنا بياتا أو هم قائلون
سورة: الأعراف - آية: ( 4 ) - جزء: ( 8 ) - صفحة: ( 151 )Surah Araf Ayat 4 meaning in Hindi
कितनी ही बस्तियाँ थीं, जिन्हें हमने विनष्टम कर दिया। उनपर हमारी यातना रात को सोते समय आ पहुँची या (दिन-दहाड़) आई, जबकि वे दोपहर में विश्राम कर रहे थे
Quran Urdu translation
اور کتنی ہی بستیاں ہیں کہ ہم نے تباہ کر ڈالیں جن پر ہمارا عذاب (یا تو رات کو) آتا تھا جبکہ وہ سوتے تھے یا (دن کو) جب وہ قیلولہ (یعنی دوپہر کو آرام) کرتے تھے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(7:4) How many a township We have destroyed! Our scourge fell upon them at night, or when they were taking midday rest.
And how many cities have We destroyed, and Our punishment came to meaning
phonetic Transliteration
Wakam min qaryatin ahlaknaha fajaaha basuna bayatan aw hum qailoona
English - Sahih International
And how many cities have We destroyed, and Our punishment came to them at night or while they were sleeping at noon.
Quran Bangla tarjuma
আর তোমরা অল্পই উপদেশ গ্রহণ কর। অনেক জনপদকে আমি ধ্বংস করে দিয়েছি। তাদের কাছে আমার আযাব রাত্রি বেলায় পৌছেছে অথবা দ্বিপ্রহরে বিশ্রামরত অবস্থায়।
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Ayats from Quran in Hindi
- और उसी (रसूल की दुश्मनी की सच्ची बात) कुछ भी सुन ही न सकते थे
- कि (उनको अज़ाब से) डराएं तो उन से कहना शुरू किया कि ऐ भाइयों हम
- और हाँ ये भी याद रहे कि उन सब के वास्ते (आख़िरी) वायदा बस जहन्न
- (जेहाद से पीछे रह जाने का) न तो अन्धे ही पर कुछ गुनाह है और
- उन लोगों ने अपनी क़समों को सिपर बना लिया है और (लोगों को) ख़ुदा की
- और उन लोगों (अहले जहन्नुम) से पूछा जाएगा कि ख़ुदा को छोड़कर जिनकी तुम परसतिश
- जब वह अपने परवरदिगार (कि इबादत) की तरफ (पहलू में) ऐसा दिल लिए हुए बढ़े
- और (ऐ रसूल) उस बीबी को (याद करो) जिसने अपनी अज़मत की हिफाज़त की तो
- जब (भारी भारी) तौक़ और ज़ंजीरें उनकी गर्दनों में होंगी (और पहले) खौलते हुए पानी
- और जब उन कुफ्फ़ार से कहा जाता है कि इस (अज़ाब से) बचो (हर वक्त
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