Surah Naziat Ayat 4 Tafseer in Hindi
﴿فَالسَّابِقَاتِ سَبْقًا﴾
[ النازعات: 4]
और उनकी क़सम जो (आसमान ज़मीन के दरमियान) पैरते फिरते हैं
Surah An-Naziat Hindi
Surah Naziat Verse 4 translate in arabic
Surah Naziat Ayat 4 meaning in Hindi
फिर एक-दूसरे से अग्रसर हों,
Quran Urdu translation
پھر لپک کر آگے بڑھتے ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(79:4) and vie with the others(in carrying out their Lord's behests);
And those who race each other in a race meaning
Ayats from Quran in Hindi
- ये लोग एक दूसरे को ऐसी बात की वसीयत करते आते हैं (नहीं) बल्कि ये
- ये चन्द रोज़ा फ़ायदा हैं फिर तो (आख़िरकार) उनका ठिकाना जहन्नुम ही है और क्या
- और हमने उन लोगों पर (पत्थर का) मेह बरसाया-पस ज़रा ग़ौर तो करो कि गुनाहगारों
- (तब) मरियम के बेटे ईसा ने (बारगाहे ख़ुदा में) अर्ज़ की ख़ुदा वन्दा ऐ हमारे
- और तुम तो हमारे ही ऐसे एक आदमी हो और हम लोग तो तुमको झूठा
- मुझे इस शहर (मक्का) की कसम
- और अगर ख़ुदा चाहता तो ये लोग शिर्क ही न करते और हमने तुमको उन
- फिर (दुनिया के) इन्तज़ाम करते हैं (उनकी क़सम) कि क़यामत हो कर रहेगी
- (कहाँ आग कहाँ मिट्टी) खुदा ने फरमाया कि तू यहाँ से निकल (दूर हो) तू
- और अब तो हमको (क़यामत का)े पूरा पूरा यक़ीन है और (ख़ुदा फरमाएगा कि) अगर
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