Surah shura Ayat 43 Tafseer in Hindi
﴿وَلَمَن صَبَرَ وَغَفَرَ إِنَّ ذَٰلِكَ لَمِنْ عَزْمِ الْأُمُورِ﴾
[ الشورى: 43]
और जो सब्र करे और कुसूर माफ़ कर दे तो बेशक ये बड़े हौसले के काम हैं
Surah Ash_shuraa Hindi31. इस आयत में क्षमा करने की प्रेरणा दी गई है कि यदि कोई अत्याचार कर दे, तो उसे सहन करना और क्षमा कर देना और सामर्थ्य रखते हुए उससे बदला न लेना बड़ी सुशीलता तथा साहस की बात है जिसकी बड़ी प्रधानता है।
Surah shura Verse 43 translate in arabic
Surah shura Ayat 43 meaning in Hindi
किन्तु जिसने धैर्य से काम लिया और क्षमा कर दिया तो निश्चय ही वह उन कामों में से है जो (सफलता के लिए) आवश्यक ठहरा दिए गए है
Quran Urdu translation
اور جو صبر کرے اور قصور معاف کردے تو یہ ہمت کے کام ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(42:43) But he who patiently endures and forgives, that is a conduct of great resolve. *68
And whoever is patient and forgives - indeed, that is of the meaning
*68) One should note that the qualities of the believers that have been mentioned in these verses, practically existed in the lives of the Holy Prophet and his Companions, and the disbelievers of Makkah were their eye-witnesses. Thus, Allah has, in fact, told the disbelievers: "The real wealth is not the provisions that you have received for passing the transitory life of the world, and are bursting with pride of it, but the real wealth are the morals and characteristics which the believers from your own society have developed by accepting the guidance given by the Qur'an."
phonetic Transliteration
Walaman sabara waghafara inna thalika lamin AAazmi alomoori
English - Sahih International
And whoever is patient and forgives - indeed, that is of the matters [requiring] determination.
Quran Bangla tarjuma
অবশ্যই যে সবর করে ও ক্ষমা করে নিশ্চয় এটা সাহসিকতার কাজ।
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