Surah Anbiya Ayat 54 Tafseer in Hindi
﴿قَالَ لَقَدْ كُنتُمْ أَنتُمْ وَآبَاؤُكُمْ فِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ﴾
[ الأنبياء: 54]
इबराहीम ने कहा यक़ीनन तुम भी और तुम्हारे बुर्जुग़ भी खुली हुईगुमराही में पड़े हुए थे
Surah Al-Anbiya Hindi
Surah Anbiya Verse 54 translate in arabic
Surah Anbiya Ayat 54 meaning in Hindi
उसने कहा, "तुम भी और तुम्हारे बाप-दादा भी खुली गुमराही में हो।"
Quran Urdu translation
(ابراہیم نے) کہا کہ تم بھی (گمراہ ہو) اور تمہارے باپ دادا بھی صریح گمراہی میں پڑے رہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(21:54) He said, "You have gone astray and so had your forefathers manifestly deviated from the Right Way."
He said, "You were certainly, you and your fathers, in manifest error." meaning
phonetic Transliteration
Qala laqad kuntum antum waabaokum fee dalalin mubeenin
English - Sahih International
He said, "You were certainly, you and your fathers, in manifest error."
Quran Bangla tarjuma
তিনি বললেনঃ তোমরা প্রকাশ্য গোমরাহীতে আছ এবং তোমাদের বাপ-দাদারাও।
English | Türkçe | Indonesia |
Русский | Français | فارسی |
تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- जिनमें तुम (अपने मवेशियों को) चराते हो इसी पानी से तुम्हारे वास्ते खेती और जैतून
- जब पानी चढ़ने लगा तो हमने तुमको कशती पर सवार किया
- और (ऐ रसूल सच तो ये है कि) हम अगर उनके पास फरिश्ते भी नाज़िल
- फिर ज़ालिम लोगों की जड़ काट दी गयी और सारे जहाँन के मालिक ख़ुदा का
- तू ही रात को (बढ़ा के) दिन में दाख़िल कर देता है (तो) रात बढ़
- लिये पालकों का उनके (असली) बापों के नाम से पुकारा करो यही खुदा के नज़दीक
- (ऐ रसूल) क्या ये (अहले मक्का) इसी बात के मुन्तिज़र है कि उनके पास फरिश्ते
- और वहां रेशा (बाल) बराबर भी तुम लोगों पर जुल्म नहीं किया जाएगा तुम चाहे
- और मान लिया परवरदिगार हमें तेरी ही मग़फ़िरत की (ख्वाहिश है) और तेरी ही तरफ़
- और जिसको ख़ुदा गुमराही में छोड़ दे तो उसके बाद उसका कोई सरपरस्त नहीं और
Quran surahs in Hindi :
Download surah Anbiya with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Anbiya mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Anbiya Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers