Surah Shuara Ayat 57 Tafseer in Hindi
﴿فَأَخْرَجْنَاهُم مِّن جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ﴾
[ الشعراء: 57]
(तुम भी आ जाओ कि सब मिलकर ताअककुब (पीछा) करें)
Surah Ash-Shuara Hindi
Surah Shuara Verse 57 translate in arabic
Surah Shuara Ayat 57 meaning in Hindi
इस प्रकार हम उन्हें बाग़ों और स्रोतों
Quran Urdu translation
تو ہم نے ان کو باغوں اور چشموں سے نکال دیا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(26:57) Thus did We draw them out from their gardens and their water-springs
So We removed them from gardens and springs meaning
Ayats from Quran in Hindi
- और लोग इत्तिफ़ाक़ से कोई बदकारी कर बैठते हैं या आप अपने ऊपर जुल्म करते
- इसमें तो शक़ ही नहीं कि ख़ुदा ने मोमिनीन से उनकी जानें और उनके माल
- और ख़ुदा ने उनकी किसमत में ज़िला वतनी न लिखा होता तो उन पर दुनिया
- फरमाया तुझे एक वक्त मुअय्यन के दिन तक की मोहलत दी गयी
- और मूसा ने कहा ऐ मेरी क़ौम अगर तुम (सच्चे दिल से) ख़ुदा पर ईमान
- (जब वह जा चुका) तो सुलेमान ने अपने अहले दरबार से कहा ऐ मेरे दरबार
- (ऐ रसूल) अपने परवरदिगार का नाम लेकर पढ़ो जिसने हर (चीज़ को) पैदा किया
- और (इसी तरह) आद और समूद और नहर वालों और उनके दरमियान में बहुत सी
- ग़रज़ उन लोगों ने शुएब को झुठलाया तो उन्हें साएबान (अब्र) के अज़ाब ने ले
- वह लोग कहने लगे ख्वाह तुम नसीहत करो या न नसीहत करो हमारे वास्ते (सब)
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