Surah Qiyamah Ayat 31 Tafseer in Hindi
﴿فَلَا صَدَّقَ وَلَا صَلَّىٰ﴾
[ القيامة: 31]
तो उसने (ग़फलत में) न (कलामे ख़ुदा की) तसदीक़ की न नमाज़ पढ़ी
Surah Al-Qiyamah Hindi
Surah Qiyamah Verse 31 translate in arabic
Surah Qiyamah Ayat 31 meaning in Hindi
किन्तु उसने न तो सत्य माना और न नमाज़ अदा की,
Quran Urdu translation
تو اس (ناعاقبت) اندیش نے نہ تو (کلام خدا) کی تصدیق کی نہ نماز پڑھی
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(75:31) But he did not verify the Truth, nor did he observe Prayer;
And the disbeliever had not believed, nor had he prayed. meaning
Ayats from Quran in Hindi
- और (उसी की) इबादत किया करो (62) सजदा
- ये (क़ुरान) तो बस सारे जहाँन के लिए नसीहत है
- जिसने उससे मुँह फेरा वह क़यामत के दिन यक़ीनन (अपने बुरे आमाल का) बोझ उठाएगा
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- तो जब तुम काफिरों से भिड़ो तो (उनकी) गर्दनें मारो यहाँ तक कि जब तुम
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- और ख़ुदा से डरो और मुझे ज़लील न करो
- फिर उनके पीछे ही उनके क़दम ब क़दम अपने और पैग़म्बर भेजे और उनके पीछे
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