Surah Qiyamah Ayat 31 Tafseer in Hindi
﴿فَلَا صَدَّقَ وَلَا صَلَّىٰ﴾
[ القيامة: 31]
तो उसने (ग़फलत में) न (कलामे ख़ुदा की) तसदीक़ की न नमाज़ पढ़ी
Surah Al-Qiyamah Hindi
Surah Qiyamah Verse 31 translate in arabic
Surah Qiyamah Ayat 31 meaning in Hindi
किन्तु उसने न तो सत्य माना और न नमाज़ अदा की,
Quran Urdu translation
تو اس (ناعاقبت) اندیش نے نہ تو (کلام خدا) کی تصدیق کی نہ نماز پڑھی
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(75:31) But he did not verify the Truth, nor did he observe Prayer;
And the disbeliever had not believed, nor had he prayed. meaning
Ayats from Quran in Hindi
- उस दिन कोई शख़्श किसी शख़्श की भलाई न कर सकेगा और उस दिन हुक्म
- इसमें ज़रा भी शक़ नहीं कि रात दिन के उलट फेर में और जो कुछ
- और वह तो यक़ीनन क़यामत की एक रौशन दलील है तुम लोग इसमें हरगिज़ यक़
- और हम तो यक़ीनी (उसकी) तस्बीह पढ़ा करते हैं
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- और तुम लोगों से नेकी करने को कहते हो और अपनी ख़बर नहीं लेते हालाँकि
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- उसका पानी नीचे उतर (के खुश्क) हो जाए फिर तो उसको किसी तरह तलब न
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