Surah Qiyamah Ayat 17 Tafseer in Hindi
﴿إِنَّ عَلَيْنَا جَمْعَهُ وَقُرْآنَهُ﴾
[ القيامة: 17]
उसका जमा कर देना और पढ़वा देना तो यक़ीनी हमारे ज़िम्मे है
Surah Al-Qiyamah Hindi
Surah Qiyamah Verse 17 translate in arabic
Surah Qiyamah Ayat 17 meaning in Hindi
हमारे ज़िम्मे है उसे एकत्र करना और उसका पढ़ना,
Quran Urdu translation
اس کا جمع کرنا اور پڑھانا ہمارے ذمے ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(75:17) Surely it is for Us to have you commit it to memory and to recite it.
Indeed, upon Us is its collection [in your heart] and [to make meaning
Ayats from Quran in Hindi
- और तुमसे पहली उम्मत वालों को जब उन्होंने शरारत की तो हम ने उन्हें ज़रुर
- तो (ऐ रसूल) क्या तुम बहरों को सुना सकते हो या अन्धे को और उस
- वहाँ कोई लग़ो बात सुनेंगे ही नहीं
- ऐ ईमानदारों क्या मैं नहीं ऐसी तिजारत बता दूँ जो तुमको (आख़ेरत के) दर्दनाक अज़ाब
- और अगर कहीं तुम लोगों ने अपने ही से आदमी की इताअत कर ली तो
- जिन (मुसलमानों) से (कुफ्फ़ार) लड़ते थे चूँकि वह (बहुत) सताए गए उस वजह से उन्हें
- वह मन भाते ऐश में होंगे
- और तुम्हारा परवरदिगार इरशाद फ़रमाता है कि तुम मुझसे दुआएं माँगों मैं तुम्हारी (दुआ) क़ुबूल
- राह पर बस वही शख़्श है जिसकी ख़ुदा हिदायत करे और जिनको गुमराही में छोड़
- (ऐ रसूल) तुम उनसे पूछो कि क्या तुम हम से खुदा के बारे झगड़ते हो
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